कराईकल कराईकल अम्मैयार (जन्म पुनीतावती) का जन्मस्थान है, जिसका अर्थ है “कराईकल की पूजनीय माँ”, जो 63 नयनमारों में से तीन महिलाओं में से एक हैं और शुरुआती तमिल साहित्य की सबसे महान हस्तियों में से एक हैं। अम्मैयार भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थीं। चरम भक्ति अपने चमत्कारी तरीकों से काम करती है। अम्मैयार ने अपने हाथों और सिर से कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की और भगवान शिव ने उन्हें प्यार से “अम्मा” कहा।
धार्मिक/विरासत पर्यटन केंद्र और समुद्र तट पर छुट्टियाँ मनाने का स्थान: श्री धारबरण्येश्वर स्वामी मंदिर, तिरुनल्लर - 9वीं शताब्दी; श्री कराईकल अम्मैयार मंदिर, कराईकल: 19वीं शताब्दी; श्री पार्वतीश्वर मंदिर, कोविलपथु - 1000-2000 वर्ष पुराना।
प्राचीन काल से कराईकल अपनी समृद्ध धार्मिक